Sunday, 7 August 2016



स्वरोजगार का बड़ा माध्यम कृषि : प्रो . हांगलू

कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र में नवयुवकों को आकर्षित करने एवं स्वरोजगार प्रदान करने के लिए पारिस्थितकीय अर्थव्यवस्था एवं मूल्यव‌िर्द्धत प्रौद्योगिकी के प्रयोग की संभावनाओं पर 19वां कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषकों के महाधिवेशन हुआ। बायोवेद कृषि प्रौद्योगिकी सभागार में शनिवार को आयोजित उक्त महाधिवेशन में विशेषज्ञों का जमघट हुआ।




मुख्य अतिथि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू ने कहा कि कृषि में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, जरूरत है उसका सही प्रयोग करने की। कहा कि परंपरागत खेती के बजाय बदलाव करके अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।

आयोजन सचिव एवं बायोवेद शोध संस्थान के निदेशक डॉं बीके द्विवेदी ने कहा कि अधिवेशन का मकसद कृषि के विभिन्न स्वरूपों से लोगों को जोड़ना है। डा. यूएस शर्मा ने स्वरोजगार के संसाधनों पर प्रकाश डाला। डा. डीडी पात्रा ने कहा कि तकनीक से जुड़कर युवा कम समय में अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं। डा. केपी सिंह ने कृषि व पशु पालन में बढ़ती संभावनाओं पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता डा. राजेंद्र प्रसाद ने की। कार्यक्रम में डॉ. एएस नंदा, डा. जे. कुमार, डा. केबी पांडेय, प्रो. आरपी मिश्र, डा. सीमा बहाव, डा. अख्तर हसीब ने विचार व्यक्त किए।