Tuesday 30 December 2014

चौराहे की बैठक

                                                            चौराहे की बैठक

             चौराहा अर्थात चार रास्तो का मिलन बिंदु ! चौराहे पर कुछ ब्यक्ति इकठ्ठा होते है तो चाय, तम्बाकू आदि खाते पीते है और देश की राजनीति के बारे में , आर्थिक व्यवस्था और खेलो जैसे- ज्यादातर क्रिकेट इत्यादि की चर्चा करते हैं !यदि हम चौराहे पैर होने वाली इन वार्तालाप के लाभा पर जाये तो कई लाभ सामने आते है इससे हमारे देश के राजनीति पर विकाश होता है साथ ही आपस में व्यापार के बारे में बाते करने पर हमारी अर्थव्यवस्था और लोगो की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होतीं है ! कई लोगो को इन विचारो के आदान-प्रदान से कई प्रकार के  व्यापार करने में और उनकी परिपक्वता में भी सहायता मिलती है! दूसरी तरफ यदि इनके (चौराहे ) नकारात्मक पहलु पर बात करे तो चुरहो से ही हिंसा जाग्रत होती है क्योकि ज्यादातर जो चुटपुट की घटनाये होती है वो चौराहो से ही जन्म लेती है ! जो क्षेत्रीय शांति को प्रभावित करती है! कही न कही इन चौराहो से सीखकर लोगो द्वारा बनाये गए तरीको से कुछ लोगो को लाभ तथा हानि का सामना करना पड़ता है! यही है चौराहे की बैठक !

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