Friday 16 January 2015

बच्चों में जिम्मेदारी का अहसास जगाएं

         आज के समय में घर के सदस्यों से, जीवनसाथी से, बच्चों से कोई काम कराना बड़ा मुश्किल हो गया है। अपने व्यवसाय या घर में जब भी किसी से काम लें, उसमें चार बातों का ध्यान रखें। एक, काम का बंटवारा ठीक से करें। यह मालूम होना चाहिए कि कौन-सा व्यक्ति क्या काम कर सकता है। बंटवारा गलत हुआ तो काम भी बिगड़ेगा। दो, जिसे काम सौंपा गया है, उस पर भरोसा रखें। तीन, स्त्री-पुरुष का भेद नहीं करें। कई लोग सोचते हैं कि महिलाएं यह काम नहीं कर पाएंगी। बस, यहीं से झंझट शुरू हो जाती है घरों में। औरतें भी कई बार यह मान लेती हैं कि यह काम आदमी नहीं कर सकते। ऐसे में काम हो या न हो, लेकिन स्त्री-पुरुष का झगड़ा जरूर शुरू हो जाता है।
          इन चार, दायित्व बोध का भाव जगाना चाहिए, खासतौर पर बच्चों में। इसके अभाव में बच्चे जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं होते, लेकिन सुविधाएं चाहते हैं। घर के छोटे-छोटे काम जो बच्चों के होते हैं वे नौकर या घर के बड़े सदस्य करते हैं। एक प्रयोग करें। बच्चों को कुछ काम सौंप दें और दूर से खड़े होकर देखें, लेकिन हस्तक्षेप नहीं करें। घर में पति-पत्नी, बाप-बेटे, भाई-बहन सबके काम करने के तरीके अलग हो सकते हैं। मुद्‌दा तरीके का नहीं; काम सही करने का है, इसलिए बच्चे जिस तरीके से भी काम करें उन्हें पूरा करने दें और धैर्य रखें। अगर काम में कोई गड़बड़ हो जाए तो उसे सही करने का समय देना चाहिए। ऐसे में अगर आपको क्रोध आ रहा है, तो शांत रहें। परिवार में शांति आएगी तो खुशी और आनंद बढ़ जाएगा क्योकि परिवार की खुशी उनके सदस्यों से होती है और उनमे काम करने की आजादी उन्हें बहुत कुछ सिखाती है।

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